बसंत पंचमी (Basant Panchami) भारतीय हिन्दूओं का पर्व है जो सरस्वती माता की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन में मनाया जाता है और उत्साह, रंग, और खुशी के साथ मनाया जाता है। इस दिन सरस्वती माता, विद्या, कला, और संगीत की देवी, की पूजा की जाती है, जिसे स्कूल और कॉलेज संस्थानों में विशेष रूप से मनाया जाता है। छात्रों और कलाकारों द्वारा भव्य पूजा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और समारोहों के माध्यम से इस पर्व को उत्सव के स्वरूप में मनाया जाता है। यह पर्व भारत भर में कई तरह से मनाया जाता है, लेकिन उत्तर भारत में इसे विशेष रूप से महत्व दिया जाता है।
बसंत पंचमी 2024 कब है
बसंत पंचमी ( Basant Panchami ) 13 फरवरी 2024 से लेकर 14 फरवरी तक है। यह पर्व 14 तारीक को मान्य होगा सूर्य उदय के पश्चात। इस दिन वैलेंटाइन भी है। आप हैरान हो सकते हैं की यह दो दिन में कैसे है लेकिन 13 तारीक को दोपहर से यह मूहर्त की शुरवात होकर 14 तारीक तक रहेगी।
क्यों बसंत पंचमी शुभ है?
बसंत पंचमी ( Basant Panchami ) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो सरस्वती, विद्या, और कला की देवी को समर्पित है। इस दिन को शुभ माना जाता है क्योंकि इसे मौसम का आगमन और नए आरंभ की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही विद्या को भी महत्व दिया जाता है, जो हमें ज्ञान और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।
बसंत पंचमी मनाने के पीछे क्या कारण है?
ऐसा माना जाता है कि इसी दिन ही माता सरस्वती का अवतरण हुआ था जो की विद्या,कला और संगीत के देवी के रूप में माना जाता है। इस दिन भक्त उनके अवतरण के खुशी के दिन के रूप में इस दिन का खुशी से स्वागत करके उनकी पूजा करते हैं। इस दिन को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बच्चों को पढ़ाई की शुरुआत करने का भी मान्यता है।
बसंत पंचमी में क्या किया जाता है?
लोग माँ सरस्वती की पूजा करते हैं और उन्हें सरस्वती विद्या के देवी के रूप में प्रार्थना करते हैं। यह दिन स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही खास दिन होता है स्कूल और कॉलेज में इसकी पूजा की जाती है। बच्चों और युवाओं के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। कई लोग अलग अलग तरह से इस दिन को मनाते और खुशियां मनाते हैं।
बसंत पंचमी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?
इस अवसर पर हमें तामसिक चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए अर्थात हमे मास, मदिरा का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो सरस्वती माता आपसे रूष्ट हो जाती है। इस दिन पर प्याज और लहसुन जैसे चीज़ों का उपयोग करने से बचना चाहिए। अगर आप इन सारी चीजों को फॉलो करते हैं तो आपकी जिन्दगी बेहतर होती है।
बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या है?
Basant Panchami को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इसे ऋषि पंचमी के रूप में भी माना जाता हैै। इस पर्व में लोग सरस्वती माता की आराधना और पूजा पष्टम करते हैं।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) का वैज्ञानिक महत्व:-
आप देखेंगे और पायेंगे की इस दिन पीले वस्त्र का उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है क्या आपने कभी सोचा है इसके पीछे का क्या कारण है। नहीं! तो आपको हम बता दे कि इस रंग को डिप्रेशन से मुक्ति का कारण माना जाता है। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो गया है। यह दिमाग को फुर्तीला और स्वस्थ्य रखता है आपको चीजे याद रखने में मदद करता है। अत: सभी को बसंत पंचमी (Basant Panchami) की ढेर सारी बधइयां।
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